अभिनेता राजीव सिंह संग भेंटघांट

    0
    297

    मैथिली सिनेमाक संसार कोनो पैघ नहि अछि। साल में किछु सिनेमा जरूर बनैत अछि मुदा ओहि में बहुत कम एहन सिनेमा अछि जेकरा मैथिल दर्शक लोकनि स्मरण में राखैत छथि। मैथिली सिनेमाक जऽ बात करी त बहुत कम एहन अभिनेता छथि जिनकर मिथिला में अपन कोनो पहचान होइन। मुदा एकटा एहन नाम जाहि नाम के मुंह में आवैत हर मैथिल एक बेर ओहि किरदार के याद कय जरूर रोमांचित होईत छथि आ ओ नाम अछि ‘‘गजराज‘‘ जी हां शायद अहि नाम के कियो नहि बिसैर सकत।

    मिथिला मिरर आई ओहि संम्मानित कलाकार सं अपनेक साक्षत्कार करवा रहल अछि जिनका मैथिली सिनेमाक एक मात्र स्थापित कलाकार कहल जा सकैत अछि। मिथिला मिरर के सहायक संपादक राहुल कुमार राय मिथिलाक चर्चित कलाकार राजीव सिंह सं विस्तार सं बातचीत केलाह। त प्रस्तुत अछि बातचीतक मुख्य अंश।

    प्र. राजीव जी सब सं पहिने मिथिला मिरर पर अहांक स्वागत

    उ. बहुत-बहुत धन्यवाद ! मिथिला मिरर के हार्दिक बधाई जे अपन भाषा के लाखों-करोड़ों जनता तक लय जेवाक लेल आगु आयल।

    प्र. राजीव बाबू अपनेक बचपन कोना आ कतय बीतल ?

    उ. हमर जन्म एकटा मध्यवर्गीय परिवार में भेल छल, बाबू जी सरकारी स्कूल में अध्यापक छलाह आ हुनकर पोस्टिंग मधुबनी जिलाक खजौली में रहैन ताहि लेल हमर बाल्यकाल ओहिठाम बितल। हमर जन्म 5 मार्च 1969 कय भेल, मूल रूप सं हम सहरसा जिलाक सत्तडिहा गांव के रहनिहार छी। हमर प्रारंभिक शिक्षा खजौली में भेल, बाद में मैट्रिक केलाक बाद जयनगर के डी.बी.काॅलेज सं अंतर स्नातक केलौह। फेर स्नात्तक करवाक लेल हम दिल्ली आयलौ आ दिल्ली विश्वविद्यालय के श्री रामजस काॅलेज सं इतिहास शास्त्र में स्नात्तक में प्रतिष्ठा सं उतीर्ण भेलौह।

    प्र. कला जीवनक शुरूआत कतय सं भेल ?

    उ. कला सं हम बच्चें सं जुड़ल रही मुदा बितैत समयक संग ओहि में आर बेसी निखार आबैत गेलैह। परिवारक इच्छा छलनि जे हम सिविल सेवा में जाइ मुदा कला सं प्रेम रहवाक कारणें हम अहि दिस आबि गेलौह। स्नात्तक उतीर्ण केलाक बाद हम दिल्ली के मंडी हाउस स्थित श्री राम सेंटर में मशहुर कलाकार अन्नू कपूर के अग्रज रंजीत कपूर के संग कार्य शुरू केलौह। रंजीत कपूर जीक संग हम रंगमंच सं जुड़ी गेलौ जाहि क्रम में हमर बहुत रास नाटक के सराहना भेटल जाहि में, एक घोड़ा छह सवार, विधान सभा में उठ्ठक बैठक आ बेगम का तकिया प्रमुख अछि।

    प्र. मैथिली में अखन धरि अपने कतेक सिनेमा केलौह ?

    उ. मैथिली में हम एखन धरि तीन गोट सिनेमा केलौ अहि जेकर नाम क्रमशः अहि प्रकारेण अछि। सस्ता जिनगी महग सेनूर, सेनूरक लाज आ सजना के अंगना में सोलह श्रृंगार इ तीन गोट सिनेमा अछि। हमरा खुशी अछि कि मैथिलीक सर्वकालिन सब सं बेसी पसिनगर सिनेमा में सं सस्ता जिनगी महग सेनूर एक रहत आ ओहि में हमरा द्वारा निभायल गेल गजराजक अभिनय के लोकक हृदय में जगह भेटल इ हमरा लेल बहुत पैध उपल्बधि अछि।

    प्र. मैथिलीक अलावे अपनेक अभिनय जीवनक किछु उपल्बघि ?

    उ. हम 1995 में मुंबई गेलौ जाहिक बाद हमरा धिरज कुमारक संग बहुचर्चित धार्मिक धारावाहिक ‘ओम नमः शिवाय‘ में काज करवाक मौका भेटल, जाहि में हम ‘मेध देवक‘ किरदार में रही। जी क्रियेशन के धारावाहिक ‘माँ‘ पी फाॅर एक्सक्लुसिव ‘अमर प्रेम‘ इत्यादि।

    प्र. नवोदित कलाकार के विषय में की कहवैन ?

    उ. अहि के लेल सब सं पहिने जरूरी अछि की हमर मैथिल समाज घर सं बाहर आबैथ आ समर्पित भाव सं कलाकार के प्रोत्साहित करैथ। कारण, अपने रामायण में देखने होयब जे गिलहरीक एक छोट सन अभिनय आ उपस्थिति रहैत छैक मुदा ओ बहुत सराहनीय छैक। जा धरि समाज बाहर नहि औता ता धरि कलाकारक लेल अपन अभिनय के आगु बढे़वा में बहुत दिक्कत हेतैन।

    प्र. सफलता के मूल मंत्र कहल जाऊ ?

    उ. सफलता के एके टा मूल मंत्र होइत छैक जेकर नाम अछि लगन आ बस लगन। मुदा एखनुका नवतुरिया कलाकार त्वरित सफलाता चाहैत छथि। सफलता के कोनो शाॅर्ट-काॅर्ट नहि होईत अछि। युवा लोकनि के अपन अभिनय पर ध्यान देवाक चाहि कारण दर्शक अभिनय के पसंद आ नापसंद करैत अछि। अगर एक बेर अहां दर्शक के हृदय में जगह बना लैत छी त फेर हुनका विश्वास पर ठाढ़ भेनाई अपना आप में एक टा चुनौती सं कम नहि अछि।

    प्र. मैथिली सिनेमाक भविष्यक बारे में कहल जाऊ ?

    उ. देखु सब सं पहिने हमरा लोकनि के स्क्रीप्ट पर काज करह पड़त। मैथिली में सिनेमा त बनैत अछि मुदा नइ ओहि में कहानी रहैत छैक आ नहि ओ दर्शक पर कोनो खास असर छोडि़ पाबैत अछि। बेर-बेर दर्शक के सोंझा जौं एहने सिनेमा जायत त निश्चित रूपेण मैथिली सिनेमाक बाजार खराब होयत। हमरा लग सभ्यता आ संस्कृति विरासत में भेटल अछि मुदा एकरा बादो हम सब ओहि पर काम नहि क रहल छी।

    प्र. भविष्य में कोन सिनेमा सब पड़ काज चलि रहल छी ?

    उ. राहुल जी, हम अपन अभिनय के देख क काज करवाक फैसला करैत छी। हम अभिनय के जिवैत छी आ बिना दमदार किरदार के हम कोनो सिनेमा नहि केलौ आ नहि करब। जेकर प्रमाण अछि ‘गजराज‘ आ सजना के अंगना में सोलह श्रृंगारक भ्रष्ट मुखिया। निकट भविष्य में हमर दू गोट सिनेमा आबि रहल छैक जाहि में हम नाकारात्क भूमिका में छी जे बाद में साकारात्क किरदार दर्शक के नजैर आबैत छैन। आ नक्सलवाद पड़ बनि रहल सिनेमा में मुख्य नक्सलीक भूमिका में हम अपने सबहक सोझा नजरि आयब।

    प्र. राजीव जी अपनेक बहुत-बहुत धन्यवाद !

    उ. अहुं के हार्दिक धन्यवाद आ मिथिला मिरर के सत्त दीर्घायुक कामना।

    इ छल चर्चित अभिनेता राजीव सिंह सं खास बातचीत फेर अगिला सप्ताह कोनो आओर पाहुन हमरा लोकनिक संग हेताह।